किशोर ज्यादा होते हैं नोमोफोबिया के शिकार, जानें-इसके लक्षण और उपाय
डिजिटल वर्ल्ड में हर एक व्यक्ति के पास मोबाइल फोन है। खासकर युवा वर्ग इससे इससे अछूता नहीं है। आजकल हर एक किशोर के पास स्मार्टफोन जरूर रहता है। इस उपकरण के फायदे हैं, तो नुकसान भी हैं। अगर आप सीमित और नियमित रूप से मोबाइल का यूज़ करते हैं, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है।
जबकि देर रात तक मोबाइल देखना, मोबाइल के बिना एक पल अकेला नहीं रह पाना, मोबाइल की बैटरी खत्म होने पर बैचैन रहना, पल-पल मोबाइल के अपडेट्स चेक करना और मोबाइल खोने का डर आदि चिंता का विषय है। मोबाइल खोने या खराब होने के डर को नोमोफोबिया कहा जाता है। किशोर इसके अधिक शिकार होते हैं। अगर आप मोबाइल को लेकर परेशान रहते हैं, तो आपको डॉक्टर के सलाह की जरूरत है। साथ ही आप इससे बचने के लिए इन उपायों को अपना सकते हैं-
नोमोफोबिया क्या है
mdpi के एक रिसर्च अनुसार, जब कोई व्यक्ति मोबाइल फोन को लेकर इतना सतर्क हो जाता है कि उसे हर पल मोबाइल की चिंता रहती है कि कहीं उसका फोन गुम या खराब न हो जाएं, तो उसे नोमोफोबिया से पीड़ित माना जाता है। इससे व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। कभी-कभी तो किशोर मोबाइल को लेकर घर में उत्पात भी मचाने लगते हैं।
नोमोफोबिया के उपाय
-इसके लिए जरूरी है कि पहले आप अनुशासित रहें। किसी भी बुरी लत को छोड़ने का सबसे सरल तरीका अनुशासन है। एक नियमित समय के लिए मोबाइल फोन का यूज़ करें।
-आप चाहे तो अपने ऊपर कर्फ्यू भी लगा सकते हैं। इसके तहत एक समय सारणी बनाकर अनुसरण करें। निर्धारित समय पर मोबाइल इस्तेमाल करें, बाकी समय में खुद को मोबाइल से दूर रखें।
-घर के बाहर स्मार्टफोन का कम से कम इस्तेमाल करें। इसके लिए जब आपको जरूरत हो, उस समय फोन करने के लिए यूज करें।
सप्ताह में एक दिन जरूर सोशल मीडिया से दूरी बनाएं। अपने दोस्तों को भी ऐसा करने की सलाह दें।
-घर पर अपने परिवार वालों को समय दें। अगर आप मोबाइल कम यूज़ करेंगे, तो आपको बार-बार बैटरी चार्ज करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
-अगर हो सके तो सोशल मीडिया एक महीने में 4-5 दिन लगातार सोशल मीडिया से दूर रहें।
-रात में मोबाइल फोन का कम से कम यूज़ करें। इसके बदले में बुक्स पढ़ सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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